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मधुमेह | Diabetes

प्राचीन उपचार क्यों मायने रखता है ??

प्राचीन उपचार की मदद से हमारा रोग जड़ मूल में से अच्छा होता है। आज जो भी उपचार हो रहा है वह शायद शारीरिक चीजें देख कर ही हो रहा है, इसीलिए रोग में मनचाहा परिणाम नहीं आ रहा।
हमारी संस्था पिछले कई सालों से ऊपर बताए हुए 5 तारीख को के साथ ही उचित निदान कर रही है जिससे हम असाध्य रोग में बहुत अच्छा परिणाम पा सके हैं।

मधुमेह | Diabetes होता कैसे है ??

मधुमेह रोग एक दम से नही होता कि रात को अच्छे भले सोये और सुबह उठे कि पता चला कि मधुमेह रोगी हो गये। किया गया भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते है ये एक तरह कि शर्करा होती है। ग्लूकोज रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखो कोशिकाओं में जाता है। अग्नाश्य वो अंग है जो रसायन उत्पन करता है जिसे इंसुलिन केहते है। इंसुलिन रक्त धारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है, ये ग्लूकोज से मिलकर ही कोशिकाओं तक जा सकता है। शरीर को ऊर्जा देने के लिये कोशिकाये ग्लूकोज को जलाते हुए पाचन करती है। ये प्रकिर्या समान्य शरीर में होती है। जो कर्बोहाय्ड्रेट हम खाते है वो ग्लूकोज बनकर रक्त में चला जाता है। ये सेल (कोशिकाओं)में जाये इसके लिये इंसुलिन नामक हार्मोन कि ज़रूरत होती है ,इंसुलिन के बिना रक्त से सेल के अंदर ग्लूकोज जा ही नही सकता।

ये इंसुलिन , Pancreas नामक ग्रंथि के बीटा सेल्स से रिसता है। आनुवंशिक ,गलत खान पान ,और शारीरिक व्यायाम की कमी में बीटा सेल्स से इंसुलिन रिसने की श्रमता ख़त्म होने लगती है। तब इंसुलिन की शरीर में कमी हो जाती है, जो इंसुलिन होता है वो भी नाकाम हो जाता है। तब ग्लूकोज रक्त में बढ़ता जाता है मगर सेल्स के अंदर नही घुस पाता, ये ही है मधुमेह की अवस्था।

मधुमेह होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। पेट फ़िर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रह्ता है, ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा सकता और रक्त धारा में ही बना रहता है। इसी को उच्च रक्त ग्लूकोज केहते है। कोशिकाओं में पर्याप्त ग्लूकोज ना होने के कारण कोशिकाये उतनी ऊर्जा नही बना पाती जिससे शरीर सुचारु रुप से चल सके।
यदि रक्त में शर्करा का स्तर लम्बे समय तक समान्य से ज्यादा बना रहता है तो उच्च रक्त ग्लूकोज अधिक समय के बाद विषैला हो जाता है। अधिक समय के बाद ये शरीर के प्रमुख अंगो और स्नायाऔ को खराब कर देता है। जिस अंग की नडिया ब्लोक होने लगे उसी में रोग हो जाता है। रोगियों की रक्त की नालियों की दीवारों में निरंतर चर्बी और calcium। इकठ्ठा होने की प्रक्रिया चलती रहती है जिससे नालिया सिकुड़ने लगती है। अगर शरीर के अंगो को शुध्द रक्त आक्सीजन तथा भोजन प्राय्प्त मात्रा में नही मिलेगा तो एक दिन दिल कर दौरे की सम्भावना बन जाती है किस्मे।

Featured Thinking

आपका मधुमेह | Diabetes ठीक हो सकता है

हमारी संस्था की काफी रिसर्च के बाद यह पाया है कि,दर्दी मधुमेह | Diabetesहोता कैसे है, होने का कारण समझे बिना दवाई पर खर्चा कर रहे।

आरोग्य व्याख्यान से..

मधुमेह | Diabetes होता कैसे है को ठीक करने के लिए उसे 5 भाग में विभाजित किया।

Diseases Analysis

Risk Management

Technology Advising

Consultation

Planning & Dieting

Panch-karm

Acupressure

How can we help you?

No Consulting

No Operation

No Reporting

No Admission

Frequently asked questions

चिंता न करें हमारी संस्था रोग मुक्ति अभियान पर चल रही है,
जिसमें रोग क्यों अच्छा नहीं होता है, दवा लेने के बाद भी रोग बार-बार क्यों होता है ??
ऐसा क्या करना चाहिए जिससे रोग दूसरी बात ना हो उसके कहीं फैक्टर है वह समझ ने के लिए वैद्य वाणीजी का व्याख्यान सुनना होता है।

3 से 4 महीने के बाद अच्छा होने का शुरू होता है और 12 महीने का कोर्स होता है।

अच्छा, लेकिन हमारी संस्था भारत भर में पहली ऐसी संस्था है जो व्याख्यान से रोग मुक्ति हो वह चाहती है, इस वजह से संस्था हर राज्य में से दर्दी पहली बार वैद्य जी का व्याख्यान सुनने आते हैं।

नहीं, हमारी संस्था दवा देना और दवा बेचने का काम नहीं करते हैं, आपको अच्छा करना वही हमारी संस्था का सिद्धांत है, अगर आप पूरी तरह अच्छा होना चाहते हैं तो एक बार आपको संस्था में आकर वहीद जी का व्याख्यान सुनना होगा।

हमारी संस्था सोमवार से शुक्रवार में Appointment लेकर आना होता है, और आपको संस्था में से मैसेज आता है

हमारी संस्था में फाइल चार्ज, कंसल्टेंसी चार्ज नहीं होता है, निशुल्क निदान किया जाता है लेकिन आपके प्रकृति के तथा 7 धातु के अनुसार प्राकृतिक दवाई दी जाती है उसका एक खर्च होता है।

हमारी संस्था है यह प्राइवेट नहीं है केवल समाज के लिए काम करती है।

सही बात है। लेकिन आपने जो ट्रीटमेंट(Treatment) ली है वह बाहर से की होती है, इसीलिए थोड़े टाइम (Temporary) के लिए अच्छा होता है।

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Our Patient say

12 sal purana psoriasis thik hua, thanks Dr. Wani for your help
Amit Tale
Happy Patient
सर जी का समझाने ओर बीमारी के बारे में पूर्ण विवरण को आत्मीयता से बताने का तरीका बहुत ही अच्छा लगा
धन्यवाद सर जी
Jagdish Puri
Happy Patient
All India se patient aate he psoriasis me bahot sacha upchar he.
Khub khub abhar sir
Sheetal Patel
Happy Patient
Aaj Dr. Yogesh wani ke sath health ke upper jo counsling hui bahut acha laga. Hamari health sambandhi jo jankari mili unhe apne gher aur frnd ke sath sanjha karug
मैं स्वस्थ हूँ
मैं स्वस्थ ही हूँ
मेरा स्वस्थ रहना जन्मसिद्ध हक है
Thanks sir
Balbir Singh
Happy Patient
Me sir se mila, sir ne psoriasis se thik hone ke Jo tarike bataye vah agar sahi se palan kiye jaye to puri tarah thik ho jaege Sir ne bahut sari jankari di Jo bahut achi he...
sunil yadav
Happy Patient
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