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कर्क रोग | Cancer
प्राचीन उपचार क्यों मायने रखता है ??
हमारी संस्था पिछले कई सालों से ऊपर बताए हुए 5 तारीख को के साथ ही उचित निदान कर रही है जिससे हम असाध्य रोग में बहुत अच्छा परिणाम पा सके हैं।
- हमारी संस्था रोग मुक्ति अभियान पर काम कर रही है।
- वैद्य का रोग मुक्ति व्याख्यान सुन कर (जो निशुल्क है) उसके लिए आपको एक बार आना जरूरी है।
- आप अपना रोग हमें दिए गए नंबर +91 9825440570 पर WhatsApp करिए।
- उचित बात करने के बाद अपनी अपॉइंटमेंट बुक करें।
आपका कर्क रोग | Cancer ठीक हो सकता है,आरोग्य व्याख्यान से...
कर्कट (चिकित्सकीय पद: दुर्दम नववृद्धि) रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश और उन पर आक्रमण) और कभी कभी अपररूपांतरण अथवा मेटास्टैसिस (लसिका या रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है) प्रदर्शित करता है। कर्कट के ये तीन दुर्दम लक्षण इसे सौम्य गाँठ (ट्यूमर या अबुर्द) से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या अपररूपांतरण प्रर्दशित नहीं करते हैं। अधिकांश कर्कट एक गाँठ या अबुर्द (ट्यूमर) बनाते हैं, लेकिन कुछ, जैसे रक्त कर्कट (श्वेतरक्तता) गाँठ नहीं बनाता है। चिकित्सा की वह शाखा जो कर्कट के अध्ययन, निदान, उपचार और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी या अर्बुदविज्ञान कहलाती है।
चिन्ह और लक्षण
मोटे तौर पर, कर्कट के लक्षणों को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है:
स्थानीय लक्षण : असामान्य गाँठ या सूजन (अबुर्द), रक्तस्राव (खून बहना), पीड़ा और / या व्रनोदभवन (अल्सर का निर्माण). आसपास के ऊतकों में संपीड़न की वजह से पीलिया जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं (आंखों और त्वचा का पीलापन)
मेटास्टेसिस (फैलना) के लक्षण : लसिका पर्वों का आकार में बढ़ना, खाँसी और हिमोपटायसिस, हिपेटोमिगेली (यकृत का आकार में बढ़ना), अस्थि पीडा (हड्डी में दर्द), प्रभावित अस्थियों का टूटना और तंत्रीकीय लक्षण.
प्रणालीगत लक्षण : वजन घटना, भूख में कमी, थकान और कैचेक्सिया (व्यर्थ होना), अत्यधिक पसीना आना (रात को पसीना आना), रक्ताल्पता और विशिष्ट पेरानियोप्लास्टिक घटना, अर्थात विशेष परिस्थितियां जो सक्रिय कर्कट के कारण होती हैं जैसे घनास्त्रता (थ्रोम्बोसिस) या हार्मोन परिवर्तन.
कारण
कर्कट भिन्न रोगों का एक वर्ग है जो अपने कारणों और जैव-विज्ञान में व्यापक भिन्नता रखते हैं। कोई भी जीव, यहां तक कि पौधों, में भी कर्कट कैंसर हो सकता है। लगभग सभी कर्कट कैंसर धीरे धीरे बढ़ते हैं, कर्कट और कैंसर की कोशिकाओं और इसकी पुत्री कोशिकाओं में त्रुटि उत्पन्न हो जाती है
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Frequently asked questions
चिंता न करें हमारी संस्था रोग मुक्ति अभियान पर चल रही है,
जिसमें रोग क्यों अच्छा नहीं होता है, दवा लेने के बाद भी रोग बार-बार क्यों होता है ??
ऐसा क्या करना चाहिए जिससे रोग दूसरी बात ना हो उसके कहीं फैक्टर है वह समझ ने के लिए वैद्य वाणीजी का व्याख्यान सुनना होता है।
3 से 4 महीने के बाद अच्छा होने का शुरू होता है और 12 महीने का कोर्स होता है।
अच्छा, लेकिन हमारी संस्था भारत भर में पहली ऐसी संस्था है जो व्याख्यान से रोग मुक्ति हो वह चाहती है, इस वजह से संस्था हर राज्य में से दर्दी पहली बार वैद्य जी का व्याख्यान सुनने आते हैं।
नहीं, हमारी संस्था दवा देना और दवा बेचने का काम नहीं करते हैं, आपको अच्छा करना वही हमारी संस्था का सिद्धांत है, अगर आप पूरी तरह अच्छा होना चाहते हैं तो एक बार आपको संस्था में आकर वहीद जी का व्याख्यान सुनना होगा।
हमारी संस्था सोमवार से शुक्रवार में Appointment लेकर आना होता है, और आपको संस्था में से मैसेज आता है
हमारी संस्था में फाइल चार्ज, कंसल्टेंसी चार्ज नहीं होता है, निशुल्क निदान किया जाता है लेकिन आपके प्रकृति के तथा 7 धातु के अनुसार प्राकृतिक दवाई दी जाती है उसका एक खर्च होता है।
हमारी संस्था है यह प्राइवेट नहीं है केवल समाज के लिए काम करती है।
सही बात है। लेकिन आपने जो ट्रीटमेंट(Treatment) ली है वह बाहर से की होती है, इसीलिए थोड़े टाइम (Temporary) के लिए अच्छा होता है।
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Our Patient say
धन्यवाद सर जी
Khub khub abhar sir
मैं स्वस्थ हूँ
मैं स्वस्थ ही हूँ
मेरा स्वस्थ रहना जन्मसिद्ध हक है
Thanks sir